हिन्दी साहित्य में गुरू शिष्य परंपरा
हिन्दी साहित्य में गुरू और शिष्य के रूप में कई ऐसे साहित्यकार देखने को मिलते हैं, जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। उनके इसी योगदान ने उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। निम्न सूची में इन्हीं नामों को प्रकाशित किया गया है। जो ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ परीक्षापयोगी भी हैं।
क्र.स. | गुरू | शिष्य |
---|---|---|
1 | सरहपा | शबरपा |
2 | शबरपा | लुइपा |
3 | लुइपा | डेंगीपा |
4 | डोम्भिपा | विरूपा |
5 | जलंधरपा | कण्हपा |
6 | कबीरदास | धर्मदास |
7 | अनंतानंद | कृष्णदास पयहारी |
8 | कृष्णदास पयहारी | अग्रदास और कील्हदास |
9 | अग्रदास | नाभादास |
10 | कील्हदास | द्वारकादास |
11 | जलंधर | मत्स्येन्द्रनाथ |
12 | मत्स्येन्द्रनाथ | गोरखनाथ |
13 | गोरखनाथ | चर्पटनाथ , चौरंगीलाल |
14 | हरि मिश्र | विद्यापति |
15 | विसोवा खेचर | नामदेव |
16 | दादू | सुन्दरदास , रज्जब |
17 | रैदास | मीरा |
18 | रामानंद | कबीर , सुरसुरी , पद्मावती |
19 | राघवानंद | रामानंद |
20 | शेखतकी | कबीर |
21 | भट्टतौल | अभिनवगुप्त |
22 | शेख बुरहान | कुतुबन |
23 | निजामुद्दीन औलिया | अमीर खुसरो |
24 | शेख मोहिनी | जायसी |
25 | संत गौस | मंझन |
26 | हाजी बाबा | उस्मान |
27 | नरहरिदास | तुलसीदास |
28 | हीरामणि दीक्षित | सेनापति |
29 | यादव प्रकाश | रामानुजाचार्य |
30 | विष्णु स्वामी | बल्लभाचार्य |
31 | बल्लभाचार्य | कुम्भनदास , सूरदास , परमानंददास , कृष्णदास |
32 | विट्टलनाथ | रसखान , गोविंदस्वामी , नंददास , चतुर्भुजदास , छीतस्वामी |
33 | नरहरिदास | बिहारी |
34 | राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र |
35 | महावीर प्रसाद द्विवेदी | मैथिलीशरण गुप्त |
36 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | नामवर सिंह |
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