Friday, July 28, 2023

लघु कथा | कैदी | ओ. हेनरी | Laghu Katha | Kaidi | O. Henry


लघु कथा - कैदी

जीवन के सुख-दुख का प्रतिबिंब मनुष्य के मुखड़े पर सदैव तैरता रहता है, लेकिन उसे ढूँढ़ निकालने की दृष्टि केवल चित्रकार के पास होती है। वह भी एक चित्रकार था। भावना और वास्वविकता का एक अद्भुत सामंजस्य होता था उसके बनाए चित्रों में।

एक बार उसके मन में आया कि ईसा मसीह का चित्र बनाया जाए। सोचते-सोचते एक नया प्रसंग उभर आया। उसके मस्तिष्क में छोटे-से ईसा को एक शैतान हंटर से मार रहा है, लेकिन न जाने क्यों ईसा का चित्र बन ही नहीं रहा था। चित्रकार की आँखों में ईसा की जो मूर्ति बनी थी, उसका मानव रूप में दर्शन दुर्लभ ही था। बहुत खोजा, मगर वैसा तेजस्वी मुखड़ा उसे कहीं नहीं मिला।

एक दिन उद्यान में टहलते समय उसकी दृष्टि अनाथालय के आठ वर्ष के बालक पर पड़ी। बहुत भोला था। ठीक ईसा की तरह, सुंदर और निष्पाप। उसने बालक को गोद में उठा लिया और शिक्षक से आदेश लेकर अपने स्टूडियो में ले आया। अपूर्व उत्साह से उसने कुछ ही मिनटों में चित्र बना डाला। चित्र पूरा कर वह बालक को अनाथालय पहुँचा आया।

अब ईसा के साथ शैतान का चित्र बनाने की समस्या उठ खड़ी हुई। वह एक क्रूर चेहरे की खोज में निकल पड़ा। दिन की कौन कहे, महीनों बीत गए। शराबखानों, वेश्याओं के मोहल्ले, गुंडों के अड्डों की खाक छानी। चौदह वर्ष पूर्व बनाया गया चित्र अभी तक अधूरा पड़ा हुआ था। अचानक एक दिन जेल से निकलते एक कैदी से उसकी भेंट हुई। साँवला रंग, बढ़े हुए केश, दाढ़ी और विकट हँसी। चित्रकार खुशी से उछल पड़ा। दो बोतल शराब के बदले कैदी को चित्र बन जाने तक रुकने के लिए राजी कर लिया।

बड़ी लगन से उसने अपना अधूरा चित्र पूरा किया। ईसा को हंटर से मारने वाले शैतान का उसने हूबहू चित्र उतार लिया।

’महाशय जरा मैं भी चित्र देखूँ।’ कैदी बोला। चित्र देखते ही उसके माथे पर पसीने की बूँदे उभर आईं। वह हकलाते हुए बोला, ’क्षमा कीजिए। आपने मुझे अभी तक पहचाना नहीं। मैं ही आपका ईसा मसीह हूँ। चौदह वर्ष पूर्व आप मुझे अनाथालय से अपने स्टूडियो में लाए थे। मुझे देखकर ही आपने ईसा का चित्र बनाया था।’

यह सुनकर कलाकार हतप्रभ रह गया।

No comments:

Post a Comment

Short Story | The Tale of Peter Rabbit | Beatrix Potter

Beatrix Potter Short Story - The Tale of Peter Rabbit ONCE upon a time there were four little Rabbits, and their names were— Flopsy, Mopsy, ...