निर्बल हों बलवान, सत्यमय उनका मन हो॥
हों स्वाधीन गुलाम, हृदय में अपनापन हो।
इसी आन पर कर्मवीर तेरा जीवन हो॥
तो, स्वागत सौ बार
करूँ आदर से तेरा।
आ, कर दे उद्धार,
मिटे अंधेर-अंधेरा॥
ओ. हेनरी कहानी - बीस साल बाद वीडियो देखें एक पुलिस अधिकारी बड़ी फुरती से सड़क पर गश्त लगा रहा था। रात के अभी मुश्किल से 10 बजे थे, लेकिन हल्क...
No comments:
Post a Comment