किसी भी दिवस को उत्सव की तरह मनाने का सबसे बड़ा कारण यह होता है,कि हम उस ख़ास दिन को अपने स्मृति पटल से मिटाना नहीं चाहते। हिन्दी भाषा के लिए भी इतिहास में दो तारीख़ें महत्वपूर्ण हैं। पहली तारीख़ है- 14 सितम्बर,इस दिन सन् 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिन्दी को राजभाषा के रूप में दर्जा दिया गया था। भारत के संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) में कहा गया है कि राष्ट्र की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। चूंकि यह हिन्दी के लिए एक विशेष उपलब्धि थी ,इसलिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। पहला हिन्दी दिवस 14 सितम्बर 1953 को मनाया गया था।
हिन्दी के लिए दूसरी महत्वपूर्ण तारीख़ है 10 जनवरी ,हम सब इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस उत्सव के लिए यह दिन इसलिए चुना गया ,क्योंकि इसी दिन सन् 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया था। जिसके अध्यक्ष तत्कालीन उपराष्ट्रपति बी॰डी॰ जत्ती थे,और इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के द्वारा किया गया था। 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस को मनाया गया ।
No comments:
Post a Comment